कदम से कदम मिलाना है प्रकृति का साथ निभाना है। समझौता नहीं,संभावना नहीं, समझ बढ़ाना कदम से कदम मिलाना है प्रकृति का साथ निभाना है। समझौता नहीं,संभावना नहीं, ...
वक़्त का सब शोर ही करते रह गए, वह था कि चुपके से निकल गया। वक़्त का सब शोर ही करते रह गए, वह था कि चुपके से निकल गया।
पद ताल माँ पर करता अटूट विश्वास, माँ गजगामिनी ले चली आज ...। पद ताल माँ पर करता अटूट विश्वास, माँ गजगामिनी ले चली आज ...।
चलते हैं एक-एक घर तेरे ही हिसाब से.....। चलते हैं एक-एक घर तेरे ही हिसाब से.....।
कैसे, कहाँ, पता नहीं मगर मैं तुम्हें हर कदम पर मिलूंगी। कैसे, कहाँ, पता नहीं मगर मैं तुम्हें हर कदम पर मिलूंगी।
बस चलते ही जाना इसकी नियत है। बस चलते ही जाना इसकी नियत है।